Shibu Soren Ji नहीं रहे 😢 | Jharkhand ने खोया अपना सच्चा सपूत

झारखंड के प्रेरणास्त्रोत शिबू सोरेन नहीं रहे – एक युग का अंत

झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के संस्थापक और आदिवासी नेता शिबू सोरेन का आज 4 अगस्त 2025 को दिल्ली के गंगा राम अस्पताल में निधन हो गया। वह पिछले कुछ समय से बीमार चल रहे थे और लंबे समय से वेंटिलेटर पर थे। उनके निधन की खबर ने पूरे देश को शोक में डाल दिया है।

 

👨‍👦‍👦 हेमंत सोरेन बोले – “मैं अब बिल्कुल अकेला हूं”

शिबू सोरेन के बेटे और झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा:

 

“आदरणीय गुरुजी अब हमारे बीच नहीं रहे… मैं पूरी तरह से खाली हो गया हूं। एक युग का अंत हो गया है।”

 

हेमंत सोरेन ने अपने पिता को “आदिवासी समाज का मसीहा” और “राजनीति के जननायक” बताया।

 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दी श्रद्धांजलि

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर शोक व्यक्त किया:

 

“शिबू सोरेन जी का जीवन आदिवासी समुदाय के उत्थान को समर्पित रहा। उन्होंने जनसेवा को अपना धर्म माना। उनके निधन से देश ने एक महान नेता खो दिया।”

 

पीएम मोदी ने अस्पताल जाकर भी उनके पार्थिव शरीर को श्रद्धांजलि दी।

 

📜 शिबू सोरेन का जीवन परिचय

विवरण जानकारी

जन्म 11 जनवरी 1944 (दुमका, झारखंड)

निधन 4 अगस्त 2025, नई दिल्ली

उम्र 81 वर्ष

पद तीन बार झारखंड के मुख्यमंत्री, केंद्र सरकार में कोयला मंत्री

पार्टी झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM)

उपनाम “दिशोम गुरु” (आदिवासी समाज में उन्हें इस नाम से जाना जाता था)

 

📌 राजनीतिक सफर की कुछ झलकियां

झारखंड राज्य की स्थापना में प्रमुख भूमिका निभाई।

 

गरीबों, मजदूरों और आदिवासियों की आवाज़ को संसद और सड़क तक पहुंचाया।

 

कई बार लोकसभा और राज्यसभा सांसद रहे।

 

2004 से 2006 तक केंद्र में कोयला मंत्री भी रहे।

 

झारखंड के मुख्यमंत्री 3 बार बने, हालांकि कभी भी पूर्ण कार्यकाल पूरा नहीं कर सके।

 

💐 अंतिम दर्शन और राजकीय सम्मान

शिबू सोरेन जी का पार्थिव शरीर रांची लाया गया है।

 

झारखंड सरकार ने तीन दिन का राजकीय शोक घोषित किया है।

 

आम जनता के अंतिम दर्शन के लिए शव को मोरहाबादी मैदान में रखा गया है।

 

🕊️ एक युग का अंत

शिबू सोरेन ने जो संघर्ष किया वह आज भी लाखों युवाओं के लिए प्रेरणा है। उनका जीवन आदिवासी हितों की रक्षा, न्याय और अधिकारों की लड़ाई का प्रतीक रहा। आज वह हमारे बीच नह

 

 

 

झारखंड के प्रेरणास्त्रोत शिबू सोरेन नहीं रहे – एक युग का अंत

झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के संस्थापक और आदिवासी नेता शिबू सोरेन का आज 4 अगस्त 2025 को दिल्ली के गंगा राम अस्पताल में निधन हो गया। वह पिछले कुछ समय से बीमार चल रहे थे और लंबे समय से वेंटिलेटर पर थे। उनके निधन की खबर ने पूरे देश को शोक में डाल दिया है।

 

👨‍👦‍👦 हेमंत सोरेन बोले – “मैं अब बिल्कुल अकेला हूं”

शिबू सोरेन के बेटे और झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा:

 

“आदरणीय गुरुजी अब हमारे बीच नहीं रहे… मैं पूरी तरह से खाली हो गया हूं। एक युग का अंत हो गया है।”

 

हेमंत सोरेन ने अपने पिता को “आदिवासी समाज का मसीहा” और “राजनीति के जननायक” बताया।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दी श्रद्धांजलि

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर शोक व्यक्त किया:शिबू सोरेन जी का जीवन आदिवासी समुदाय के उत्थान को समर्पित रहा। उन्होंने जनसेवा को अपना धर्म माना। उनके निधन से देश ने एक महान नेता खो दिया।”

 

पीएम मोदी ने अस्पताल जाकर भी उनके पार्थिव शरीर को श्रद्धांजलि दी।

 

📜 शिबू सोरेन का जीवन परिचय

विवरण जानकारी

जन्म 11 जनवरी 1944 (दुमका, झारखंड)

निधन 4 अगस्त 2025, नई दिल्ली

उम्र 81 वर्ष

पद तीन बार झारखंड के मुख्यमंत्री, केंद्र सरकार में कोयला मंत्री

पार्टी झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM)

उपनाम “दिशोम गुरु” (आदिवासी समाज में उन्हें इस नाम से जाना जाता था)

 

📌 राजनीतिक सफर की कुछ झलकियां

झारखंड राज्य की स्थापना में प्रमुख भूमिका नि

भाई।

 

गरीबों, मजदूरों और आदिवासियों की आवाज़ को संसद और सड़क तक पहुंचाया।

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